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RAIGARH. जिले में क्रिकेट सट्टे के कर्ज में डूबे 2 लोगों ने 12 घंटों के भीतर खुदकुशी कर ली। दोनों मामले सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। इधर इस घटना से लोगों में इस कदर आक्रोश है कि मृतक की शवयात्रा के दौरान क्रिकेट सट्टा बंद करने की मांग को लेकर लोगों के हाथों में तख्तियां देखने को मिलीं। शवयात्रा आम लोगों के बीच चर्चा का विषय रही। इधर परिजनों ने घटना को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए मामले की जांच करते हुए सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
शहर में दो दुखद घटनाएं हुईं
शहर के दो परिवारों ने अपना चहेतों को खो दिया। मालधक्का रोड पर बालाजी डोर फर्म के संचालक के बेटे मयंक मित्तल ने गोदाम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में क्रिकेट सट्टा को आत्महत्या का कारण बताया जा रहा है। कोतवाली पुलिस मामले की जांच में लगी हुई थी। इसी बीच 27 अक्टूबर सुबह बाघ तालाब इलाके में 1 व्यवसायी बादशाह मुन्नवर खान ने सट्टे के कर्ज में डूबकर खुदकुशी कर ली।
सट्टे के कारोबार को लेकर लोगों में नाराजगी
घटना के बाद शहर में पनप रहे सट्टे के कारोबार को लेकर जहां लोगों में नाराजगी रही। वहीं एक मृतक की शवयात्रा में लोगों के हाथो में तख्तियां देखने को मिलीं। लोगो ने क्रिकेट सट्टा बंद करने, और दोषियों पर कार्रवाई की अपील करते हुए तख्तियां लेकर शवयात्रा के साथ प्रदर्शन किया। लोगों का कहना था कि शहर में लगातार अवैध सट्टे का कारोबार फल-फूल रहा है। इसकी चपेट में युवा आ रहे हैं और कर्ज में डूबकर अपनी जान गंवा रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस सट्टेबाजों पर नकेल कसने में नाकामयाब रही है। ऐसे में वे तख्तियां लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
60 लाख हार चुका था मृतक
मृतक के भाई मनोज अग्रवाल ने कहा कि बीते दिन पता चला कि सट्टे में 60 लाख हार चुका है। सभी से निवेदन है कि जुआ सट्टा जो खिलाते हैं उन पर कड़ी कार्रवाई हो। उधार लिया था तो उसको प्रताडित कर रहे थे 8-10 दिन से उसको परेशान कर रहे थे। पैसे के लिए दबाव बना रहे थे।
पुलिस के होते हुए चल रहा गोरखधंधा
इधर जिला भाजपाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने कहा कि शहर के दो युवाओं ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जो जानकारी निकली है कि इन सबके पीछे जुआ-सट्टे का कारण है। सबसे हैरत की बात है कि आखिर पुलिस को क्यों पता नहीं चल पा रहा है कि ये जुआ खिला कौन रहा है। ये राजनीति का विषय नहीं है, जिस तरह से मृत्यु हुई है पुलिस को संकेत दे रहा है कि और मौतें न हों।